भविष्य में रोबोट किसी धातु के नहीं बनेंगे बल्कि वह नरम तत्व से बनाए जाएंगे जो देखने और काम करने में एकदम मांसपेशी जैसे होंगे। डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भविष्य के रोबोट अपनी गड़बड़ियों या टूट-फूट को स्वत: ही ठीक कर लेंगे और यह तरल ईंधन से तेज गति से संचालित होंगे।
डीआरडीओ की एरोनॉटिकल सिस्टम्स (एयरो) की महानिदेशक टेसी थॉमस ने बुधवार को बताया कि यह रोबोट विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को भी संचालित कर सकेंगे। वह जटिल माहौल के अनुरूप भी इंसानों के साथ काम कर सकेंगे। मिसाइल वुमेन ऑफ इंडिया के नाम से विख्यात टेसी थॉमस पहले ही नरम लचीले रोबोट विकसित कर चुकी हैं। इनकी मांसपेशियां मनुष्यों की मांसपेशियों की तरह ही गति करने में सहायक होती हैं।
आइआइटी मद्रास में चार दिवसीय ‘एडवांस इन रोबोटिक्स’ सम्मेलन के इतर टेसी ने बताया कि अगली पीढ़ी के रोबोट धातु के नहीं होंगे। इसके बजाय वह नरम पदार्थ से बने होंगे। रोबोट की प्रणाली से विभिन्न चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों में सफलता मिली है। आपदा प्रबंधन से लेकर सैन्य सुरक्षा तक रोबोटिक्स अच्छा समाधान ला रहा है। इसके चलते ही देश में रोबोटिक्स उद्योग के कई स्टार्ट अप शुरू हो गए हैं।