दुनियाभर में स्किन कलर को लेकर अजीब सा दीवानापन देखने को मिलता है। इसमें भी गोरेपन को लेकर सबसे ज्यादा क्रेजीनेज नजर आती है। शायद ही कोई ऐसा देश हो, जहां पर स्किन को फेयर बनाने के लिए लोग तरह-तरह के ट्रीटमेंट्स से लेकर महंगे प्रॉडक्ट्स पर पैसे न लुटाते हों। कुछ तो गोरा बनने के लिए खतरे उठाने से भी पीछे नहीं रहते और ऐसे भी इलाज व अन्य चीजें इस्तेमाल कर लेते हैं, जो उनकी जान तक को खतरे में डाल सकती है। हालांकि, बदलते समय के साथ अब इसे लेकर जागरूकता बढ़ती भी दिख रही है। खासतौर से लड़कियां अपने शरीर व त्वचा को जैसी है वैसी ही स्वीकार करती और उसे गर्व से फ्लॉन्ट करती नजर आ रही हैं। लेकिन फेयरनेस के प्रति क्रेज कब सबके सिर से उतरेगा, इसका जवाब शायद ही कोई दे पाए।
वैसे क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा देश भी है, जहां के लोग दुनिया में सबसे गोरे माने जाते हैं और शायद आपको हैरानी हो कि इसकी वजह कहीं न कहीं भारत से जुड़ी हो सकती है। (सभी सांकेतिक तस्वीरें: Unsplash)
यहां के लोग हैं सबसे गोरे
आयरिश पोस्ट के एक लेख में इसका जिक्र किया गया है कि आयरिश लोगों की स्किन दुनिया में सबसे ज्यादा गोरी है। इसकी बड़ी वजह उनके जीन्स हैं, जो विरासत में उनको मिले हैं। साथ ही यहां की जलवायु भी इसमें अहम भूमिका निभाती है। ऐसी जगह जहां पर यूवी रेडिएशन कम होता है, वहां के लोगों की त्वचा लाइट स्किन पिग्मेंटेशन डेवलप कर लेती है और आयरलैंड भी इसी लिस्ट में आता है।
इस वजह से हैं यहां के लोग सबसे फेयर
यूएस पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक, SLC24A5 नाम का जीन स्किन पिग्मेंटेशन और उसमें हुआ म्यूटेशन ये तय करता है कि स्किन कितनी फेयर होगी। आयरलैंड के लोगों में इसी से जुड़ा म्यूटेशन A111T पाया गया। पेल स्किन के लिए जिम्मेदार ये म्यूटेशन जिनमें भी मिला, उनके जेनेटिक कोड किसी एक ही व्यक्ति से उपजे हैं।
भारत से जुड़ी वजह!
रिसर्चर्स की मानें तो इस जीन के लिए जिम्मेदार वो व्यक्ति कौन था, इसका पता लगाना मुश्किल है। स्टडी की मानें तो, ये व्यक्ति 10,000 साल पहले भारत या फिर मिडिल ईस्ट का निवासी था और उसके वंशज अपने जीन को इबेरिया प्रायद्वीप के जरिए आयरलैंड ले आए, जो पीढ़ियों के साथ बढ़ता चला गया।
लेकिन खुश नहीं महिलाएं
अगर आप ये सोचते हैं कि यहां के लोग इस स्किन को पाकर बहुत गर्व महसूस करते होंगे, तो शायद आप गलत हैं। लाइमरिकपोस्ट के लेख के मुताबिक, वहां किए गए सर्वे में 61% आयरिश लोगों ने कहा कि बहुत ज्यादा गोरी त्वचा होने के कारण वो खुद को दूसरे देशों के लोगों के मुकाबले ‘अनअट्रैक्टिव’ मानते हैं।
महिलाएं नहीं जातीं मेकअप के बिना सामने
सर्वे के मुताबिक हर 10 में से एक आयरिश महिला ने माना कि वो मेकअप, सन-टैन लोशन और सनबैड के बगैर नहीं रह सकतीं। ये तीनों ही उनकी स्किन को थोड़ा टैन्ड/डार्क बनाने में मदद करते हैं। यहां तक कि 52% महिलाओं ने ये तक कहा कि वो जब किसी रिलेशनशिप में जाती हैं, तो दो सप्ताह से पहले पार्टनर को अपना असली स्किन कलर नहीं दिखाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो इसे लेकर असहज महसूस करती हैं व इसे अनाकर्षक मानती हैं।