नींद का क्या है, नींद कभी भी आ सकती है. अलसाई दोपहरी हो या काम के बोझ से थकी आंखें तब न चाहते हुए भी दफ्तर में नींद आ ही जाती है. ऐसे में न चाह कर भी आंखें खोलकर रखनी पड़ती है, कई दफा यह नींद आपकी इमेज खराब भी कर देती है कई बार आप उपहास के पात्र भी बन जाते हैं. जब औफिस में आए नींद तो क्या करें आइये जानते हैं.
औफिस में आए नींद तो करें, झपकी ध्यान. जी हां झपकी ध्यान आपके मानसिक तनाव को कम कर आपको तरोताजा बना सकता है. इससे आपका मानसिक तनाव और बढ़ जाता है ऐसे में झपकी ध्यान आपका मानसिक तनाव कम कर तरोताजा बना सकता है.
झपकी ध्यान की विधि : आप जिस स्थिति में बैठे हों या खड़े हों खुद को स्थिर करें आंखें पूरी तरह बंद रखें और महज एक मिनट का झपकी ध्यान करें.जब चाहे, जहां चाहे,चाहे वो दफ्तर हो या घर आप यह ध्यान योग कर सकते हैं . ध्यान के दौरान गहरी-गहरी सांस लें और सांसों के आवागमन को महसूस करें.
इन बातो का ध्यान रखें: इस ध्यान से आप हर वक्त तरोताजा महसूस करेंगे पर यह न सोचें कई क्या कहेगा पर दफ्तार में थोड़ा सावधान रहें बौस या सहकर्मी गलत समझ सकते हैं. हर एक से डेढ़ घंटे के दौरान इस योग को कर सकते हैं
फायदा: एक मिनट का यह झपकी ध्यान आपके आठ घंटे की नींद से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है यह आपकी मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ाता है और आपको हमेशा तरोताजा रखता है. इस योग से मानसिक तनाव घटता है और आंखों को आराम मिलता है. सांसें संतुलित होती हैं हृदय और फेंफड़ों में ऊर्जा का संचार होता है.