गुस्सा एक प्राकृतिक और सामान्य भावना है. यह इंसान की एक शारीरिक प्रतिक्रिया है. अगर यह कहें कि गुस्सा इंसान की खुशी और गम की तरह एक भावना है तो गलत नहीं होगा.
क्या आप ने ‘एंग्री बर्ड’ मूवी देखी है? इस में मुख्य पात्र को गुस्सा आता है, इसलिए वह पक्षियों की बस्ती से दूर सागर के किनारे रहता है. मगर जब वह अपने गुस्से पर नियंत्रण करना सीख जाता है तो बस्ती का हीरो बन जाता है. मूवी में यही सीख है कि गुस्सा किसी भी चीज का हल नहीं है.
यह सच है कि गुस्सा एक प्राकृतिक और सामान्य भावना है. यह इंसान की एक शारीरिक प्रतिक्रिया है. अगर यह कहें कि गुस्सा इंसान की खुशी और गम की तरह एक भावना है तो गलत नहीं होगा. लेकिन कभीकभी गुस्सा इतना बढ़ जाता है कि वह स्वयं की और आसपास के लोगों की खुशियों पर अपना प्रभाव डालने लगता है.
जीवन में खुशियां, परेशानियां आतीजाती रहती हैं. गुस्सा कर के रिश्तों में दरार न पैदा करें. यह पता लगाएं कि किन हालात में गुस्सा बढ़ता है. हालात और कारणों को समझें और उन से उपजी परेशानियों को दूर करने का प्रयास करें. गुस्से को दबाएं नहीं, बल्कि इस के कारणों को पहचानें और दूर करने का प्रयास करें. आप के गुस्से से किसी और का फायदा हो सकता है, लेकिन आप का सिर्फ नुकसान ही होगा. आप का गुस्सा आप का नुकसान. गुस्सा रिश्तों को बिगाड़ता है, गलतफहमियों को भी जन्म देता है. ठंडे दिमाग से ही चीजें सुलझती हैं. गुस्से का अंत पछतावे पर होता है. यह चारित्रिक दोष है.
यूं शांत करें गुस्सा
जब भी गुस्सा आए, ये आसान टिप्स आजमा कर देखें, गुस्सा छूमंतर हो जाएगा:
– पानी पीएं.
– तय कर लें कि जिस बात पर आप को गुस्सा आया है, उस की प्रतिक्रिया आप 48 घंटे बाद देंगी. क्या चमत्कार होगा, आप देख कर स्वयं ही हैरान रह जाएंगी.
– जब भी गुस्सा आए, कोई गाना गाना शुरू कर दें या कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमैंट बजाएं.
– जब गुस्सा आ रहा हो अपने स्मार्टफोन का फायदा उठाएं, नोटिफिकेशन देखना शुरू कर दें. डिस्काउंट्स देखना शुरू कर दें. फिर देखिए आप का गुस्सा अपनेआप गायब होता चला जाएगा.
– एक आजमाया हुआ फार्मूला-उलटी गिनती यानी 100 से 0 तक उलटी गिनती मन ही मन शुरू कर दें.
– गुस्से के समय आई ऐनर्जी का यूज करें. लंबी सैर पर निकल सकती हैं तो निकल जाएं. लौटने तक खुद को अच्छा, खुश और शांत महसूस करेंगी.
– कमान से निकला तीर, मुंह से निकला शब्द कभी वापस नहीं आता. गुस्सा जब आए तो बोलें नहीं. लिखना शुरू कर दें. आप को बाद में लगेगा वाह, क्या राइटर हैं आप.
– गहरी सांसें लें
– बुजुर्गों से बातें करें. बच्चों के साथ खेलना शुरू कर दें.
– जिस जगह गुस्सा आ रहा हो, उस जगह से फौरन हट जाएं.
– खूब अच्छी नींद लें. सो कर उठने पर गुस्सा स्वत: शांत हो चुका होगा.
कई मशहूर हस्तियों ने भी क्रोध पर अपने विचार व्यक्त किए हैं:
– क्रोध के कारण की तुलना में उस के परिणाम कितने गंभीर होते हैं- मार्क्स औरलेस
– एक क्रोधित व्यक्ति अपना मुंह खोल लेता है और आखें बंद कर लेता है- कैटो
– अपने दुश्मनों को हमेशा खीझ भरे खत लिखें, उन्हें कभी भेजें नहीं- जोन्स फैलोज
– क्रोध वह तेजाब है जो किसी भी चीज, जिस पर वह डाला जाए, से ज्यादा उस पात्र को हानी पहुंचा सकता है, जिस में वह रखा है- मार्क ट्वेन.
अब जब गुस्से से सब से ज्यादा नुकसान गुस्सा करने वाले को ही पहुंचता है, तो अपना नुकसान क्यों करें? गुस्सा दूर करने के उपायों पर गौर करें, शांत रहें, प्रसन्न रहें. जो गुस्सा किसी काम का नहीं, फौरन उस से छुटकारा पा लें.