बहु करीना की इन खूबियों पर फिदा हैं शर्मिला टैगोर, जो दिखाता है बदलते समाज का नजरिया

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इस बात में कोई दोराय नहीं है कि सास और बहू के रिश्ते में तालमेल बिठाना काफी मुश्किल होता है। अमूमन यह रिश्ता कड़वाहट से भरा हुआ देखा गया है, लेकिन अब वक्त बदलने के साथ काफी कुछ नया भी होने लगा है। सास धीरे-धीरे अपनी बहू की भावनाओं और इच्छाओं को समझने लगी हैं, तो बहुएं भी बेटी की तरह उनका ख्याल रखने लगी हैं। हालांकि ऐसा मुमकिन हो पाना तभी संभव है, जब प्रयास दोनों तरफ से किए जाएं।
ऐसा ही एक उदाहरण शर्मिला टैगोर और करीना कपूर का भी है, जिनका रिश्ता सास-बहू का जरूर है लेकिन दोनों प्यारभरे बॉन्ड को शेयर करती हैं। इस बात का सबूत एक बार फिर शर्मिला के रिसेन्ट इंटरव्यू में दिखाई दिया, जब उन्होंने बेबो की जमकर तारीफ की। (फोटोज साभार – इंडिया टाइम्स)
‘करीना बहुत धैर्यवान हैं’
पिछले दिनों शर्मिला टैगोर ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी बहू करीना की प्रशंसा करते हुए कहा था, ‘मैं करीना से बहुत प्रेम करती हूं। वह बहुत ही शांत व्यवहार वाली शख्स हैं। हमेशा हर किसी से बहुत ही आराम से बात करती हैं फिर चाहे उनके कर्मचारी हों या फिर डिजाइनर। मैं भले ही कई बार गुस्सा हो जाती हूं और हेयरड्रेसर से कह देती हूं कि जल्द करो, मगर करीना ऐसा नहीं करती हैं। मुझे उनका धैर्यवान होना बहुत पसंद है।’

अपनी बात जारी रखते हुए शर्मिला ने आगे कहा, ‘जब करीना मेरे आसपास रहती हैं, तो मैं बहुत शांत सा महसूस करती हूं। जिस तरह से वह अपना काम खुद करने में विश्वास रखती हैं। मैं खुश हूं कि वह मेरी बहू है और मैं उन्हें अपनी बेटी की तरह ही मानती हूं।’ शर्मिला की ये बातें साफ बयां करती हैं कि उनका करीना संग मां-बेटी जैसा रिश्ता है, जो अक्सर कम ही देखने को मिलता है। हालांकि अगर दोनों तरफ से बराबर सही तरह से इस रिश्ते को संभाला जाए तो ऐसा हो पाना बिल्कुल मुश्किल नहीं है।
जिस तरह शर्मिला हमेशा ही अपनी बहू करीना की खुलकर तारीफ करती हैं, ऐसा ज्यादातर सास नहीं कर पाती हैं। बहू की अच्छाई देखने से ज्यादा जब सास उसकी बुराई या कमी ढूंढने में लग जाती है, तब रिश्ते में न सिर्फ दरार पड़ने लगती है बल्कि दूरियां भी बढ़ने लगती हैं। आपको यह समझना होगा कि जब आप आपके घर आई नई बहू को अच्छा महसूस कराती हैं और उनकी प्रशंसा करती हैं, तो वह अपनापन महसूस कर पाती है। इससे न सिर्फ आप उसे अपने घर जैसा एहसास कराती हैं, बल्कि उसे पूरी तरह से एक्सेप्ट करके कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित भी करती हैं।