ये टिप्स अपनाएं, खर्राटे दूर भगाएं

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Source: keck medicine of usc

दिन भर काम करने के बाद अगर रात को बगल में लेटा व्यक्ति जोर-जोर से खर्राटे ले रहा हो, तो गुस्सा आना स्वाभाविक है. यों तो खर्राटे लेना किसी को भी पसंद नहीं होता, पर जिस व्यक्ति को खर्राटे आ रहे हैं वह खुद उनसे अनजान होता है. उसे इस बात का जरा भी एहसास नहीं होता कि उसके खर्राटे की वजह से उसके आसपास के लोग परेशान हो रहे हैं. खर्राटे आना कई बार एक बीमारी बन जाती है. इस बीमारी को स्लीप एपनिया भी कहा जाता है.

रात में सोते समय खर्राटे आने की कई वजहें हैं. आइये जानते हैं इसके बारे में-

गले के पिछले हिस्से का संकरा होना

जब हमारे गले का पिछला हिस्सा संकरा होता जाता है तब खर्राटे की समस्या जन्म लेती है. दरअसल, जब गले का पिछला हिस्सा संकरा हो जाता है तब औक्सीजन उस रास्ते से होकर जाती है और तब आसपास के ऊतक कंपित होने लगते हैं और खर्राटे आने लगते हैं.

सांस के रास्ते में अवरोध

खर्राटे आने की मूल वजह सांस के रास्ते में अवरोध को माना जाता है. जब हमारे शरीर में कार्बनडाइ औक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और औक्सीजन कम हो जाता है तब औक्सीजन की पूर्ति के लिए हम सांस लेने की कोशिश करते हैं और सांस के रास्ते में अवरोध आने की वजह से खर्राटे आते हैं.

पीठ के बल सोना

जो लोग पीठ के बल सोते हैं उन्हें भी यह समस्या हो जाती है. जब पीठ के बल सोते हैं तो हमारी जीभ पीछे की ओर हो जाती है, जिससे वह तालू के पीछे मूर्धा पर जाकर लग जाती है और सांस लेने और छोड़ने में दिक्कत होती है. इस तरह हमारे ऊतक कंपन करने लगते हैं और खर्राटे आने लगते हैं.

नाक में मांस बढ़ना

कुछ लोगों की नाक की हड्डी जब टेढ़ी हो जाती है या उसमें मांस बढ़ने लगता है तब उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे खर्राटे आने लगते हैं.

गर्दन या नीचे वाले जबड़े का छोटा होना

अगर किसी व्यक्ति की गर्दन ज्यादा छोटी है तो यह भी खर्राटे आने की वजह बनता है. इसके अलावा अगर आपका नीचे वाला जबड़ा छोटा है तब भी खर्राटे की समस्या उतपन्न हो जाती है, क्योंकि जब जबड़ा छोटा होता है तो लेटते समय जीभ पीछे की ओर हो जाती है और सांस की नली बंद हो जाती है. जिससे सांस लेने और छोड़ने में दबाव पड़ता है, जिसके चलते कंपन होता और खर्राटे आते हैं.

वजन बढ़ना

खर्राटे आने का एक कारण वजन बढ़ना भी है. जब किसी व्यक्ति का वजन बढ़ता है तो गर्दन का मांस लटकने लगता है. मांस लटकने की वजह से सांस की नली पर दबाव बनता और सांस लेने में दिक्कत होती है.

ऐसे करें बचाव

अगर आप भी खर्राटे से परेशान हैं तो इस समस्या से ऐसे पाएं छुटकारा

रात के समय कम खाना खाएं ताकि वजन न बढ़े और आप सांस ठीक से ले पाएं.

अगर आपका वजन ज्यादा है तो पहले वजन कम करिए, ताकि आपके खर्राटे बंद हो सकें. वजन कम करने के लिए आप जिम भी जा सकते हैं या अपने डाइटीशियन से सलाह भी ले सकती हैं.

खर्राटे लेने वाले व्यक्ति को अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि जब हम कम पानी पीते हैं तब हमारी नाक की नली सूख जाती है. ऐसे में साइनस हवा की गति को श्वास तंत्र में पहुंचने के बीच में सहयोग नहीं कर पाता और सांस लेना कठिन हो जाता है. ऐसे में खर्राटे की समस्या बढ़ जाती है.

अगर आपको पीठ के बल सोने की आदत है तो उसे बदलें. इसके अलावा सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोएं. इससे आपकी जीभ और सांस की नली में रुकावट नहीं आएगी.